प्यार

 प्रेम की भाषा

प्यार एक अनोखा सफ़र है।
    प्यार कि कोई परिभाषा नहीं होती, प्यार एक पवित्र संबंध है। प्यार किसी से भी हो सकता हैं, एक इंसान दूसरे इंसान से मिलता जुलता हैं उसे कही मुलाकाते होती हैं मगर प्यार नहीं होता तो कही पे एक मुलाकात में भी प्यार हो जाता है। प्यार इंसानों और जानवरों में भी होता है जो एक दूसरे से इतना प्यार करते हैं कि उसका कोई मूल्यांकन नहीं कर सकता। प्यार, प्यार मे एक दूसरे पे भरोसा होना बहुत जरूरी होता है। प्यार मे एक दूसरे के लिए जान देना में आवश्यक नहीं समझता मगर प्यार किया है तो उसे निभाना जरूर चाहिए, अपने प्यार के लिए सूख में साथ हो या न हों लेकिन दुःख में जरूर साथ देना चाहिए उसे ही सच्चा प्यार कहते हैं।
    प्यार कि कोई व्याख्या नहीं होती, जहा दो दिल मिल जाए और कोई स्वार्थ के बिना उसपे सब कुछ न्योछावर कर दे उसे सच्चा प्यार कहते हैं। इस मॉडल युग के जमाने मे जो प्यार होता है उसके बारे मे में आपको क्या बताऊं आप मुझसे बेहतर जानते होगे।
   प्यार के लिए दो लाइन कुछ लब्जो में लिखता हु,
*रात की गहराई आंखो में उतर आई,
     कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तनहाई।
ये जो पलको से बह रहे हैं हलके हलके आंसू,
    कुछ तो मजबूरी थी और कुछ तेरी बेवफाई।*
By. Pradip Chaudhary
        किसी के प्यार मे टूटा हुआ आशिक 😢💔😢

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