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Showing posts from September, 2022

स्वार्थी

 स्वार्थी इंसान की पहचान    स्वार्थी, आज के मोडन जमाने मे हमे सबसे जादा स्वार्थी लोग ही मिलते हैं।    स्वार्थी लोग हमे कभी बिना मतलब के याद नहीं करेंगे। जब हम स्वार्थी लोगो को आपने काम के लिए याद करेंगे तो वो हमारी मदद करने की कभी नही सोचेंगे और उल्टा हमे कुछ ज्ञान पेल के चले जायेंगे।     स्वार्थी लोग बहुत चालाक और घमंडी होते हैं जब वो कभी भी मुश्केली मे होंगा तो इतने दयालु स्वभाव से बात करेगा कि हमे उसपे तरस आने लगेगा, और हम उसे कोई भी काम के लिए मना करेंगे तो वो सारे जगह पे हमारे बारे में इतना भला बुरा बोलेगा की मत पूछो बात।     स्वार्थी लोग अपना काम करवाने या कोई भी बात के लिए कोई भी गिरिहुई हरकत करेगा और लोगो को भी आपस में भिड़वाएगा। स्वार्थी लोग हमेशा ऐसा ही सोचता है कि हम आगे जाए या न जाए लेकिन और कोई आगे नहीं जाना चाहिए। स्वार्थी लोग हमेशा कोई भले इंसान आगे जाता है तो उसके प्रति उसे रोष होता है, वो कभी नही चाहता कि हमशे आगे कोई जाय।      आज कल के समय में सबसे ज्यादा स्वार्थ राजकरण में देखने मिलता है। वो लोग चुनाव के टाइम...

दोस्ती,

दोस्ती की व्याख्या दोस्ती,    दोस्ती के बारे मे जितना लिखे उतना कम है, लेकिन में दोस्ती के बारे मे दो शब्द लिखना चाहूंगा।    दोस्त वो नही होते जो हमारी खुशी में हमारा साथ दे, दोस्त वो होता है जो हमारी खुशी मे साथ दे या न दे लेकिन हमारे दुःख के समय सबसे आगे होता है। दोस्ती खून का रिश्ता नहीं होता लेकिन वो खून के रिश्ते से कम नहीं होता। दोस्त वो नहीं होता हे की जो हम गलत रास्ते जाते हैं और हमे कुछ न कहे और गलत रास्ते जाते हुए हमारा साथ दे। लेकिन सच्चा दोस्त वो होता है कि हम कोई गलत रास्ते जाय तो हमे टोके और गलत रास्ते जाते हुए हमे सही रास्ता दिखाएं।     दोस्त हमेशा निस्वार्थ हमारा साथ देता है और हमारी मदद भी करता है। दोस्त हमे अकेले होते हुए भी अकेले होने का एहसास भी नहीं होने देता। जब कोई भी मुसीबत मे फसे हुए हो तो सबसे पहले हमे अपने सबसे अच्छे दोस्त की याद दिला देता है। हमारे पास एक ऐसा भी दोस्त होना चाहिए कि हम उससे कोई भी बात न छुपा सके हमारा सारा रहस्य वो जानता हो। हमारे पास एक सच्चा दोस्त होगा और वो हमारा सभी सुख दुःख जानता होगा तो कभी हम परेशानी में नह...

प्यार

 प्रेम की भाषा प्यार एक अनोखा सफ़र है।     प्यार कि कोई परिभाषा नहीं होती, प्यार एक पवित्र संबंध है। प्यार किसी से भी हो सकता हैं, एक इंसान दूसरे इंसान से मिलता जुलता हैं उसे कही मुलाकाते होती हैं मगर प्यार नहीं होता तो कही पे एक मुलाकात में भी प्यार हो जाता है। प्यार इंसानों और जानवरों में भी होता है जो एक दूसरे से इतना प्यार करते हैं कि उसका कोई मूल्यांकन नहीं कर सकता। प्यार, प्यार मे एक दूसरे पे भरोसा होना बहुत जरूरी होता है। प्यार मे एक दूसरे के लिए जान देना में आवश्यक नहीं समझता मगर प्यार किया है तो उसे निभाना जरूर चाहिए, अपने प्यार के लिए सूख में साथ हो या न हों लेकिन दुःख में जरूर साथ देना चाहिए उसे ही सच्चा प्यार कहते हैं।     प्यार कि कोई व्याख्या नहीं होती, जहा दो दिल मिल जाए और कोई स्वार्थ के बिना उसपे सब कुछ न्योछावर कर दे उसे सच्चा प्यार कहते हैं। इस मॉडल युग के जमाने मे जो प्यार होता है उसके बारे मे में आपको क्या बताऊं आप मुझसे बेहतर जानते होगे।    प्यार के लिए दो लाइन कुछ लब्जो में लिखता हु, *रात की गहराई आंखो में उतर आई,     ...